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अयोध्या से लेकर प्रयागराज तक बनने वाला है, एक्सप्रेस-वे 5000 करोड़ की लागत,

उत्तर प्रदेश के दो प्रमुख धार्मिक शहरों को महाकुम्भ 2025 के आने वाला अवसर पर जोड़ेगा। इस एक्सप्रेसवे के निर्माण कार्य की शुरुआत हो चुकी है।

एक्सप्रेस-वे का नाम

ये जो एक्सप्रेस वे बनाया जा रहा है इसका नाम है गंगा एक्सप्रेस वे ज़ो रामलला के अस्थल अयोध्या से लेकर माँ गंगा की धरती प्रयागराज तक बनाया जाएगा।

ये जो अयोध्या – प्रयागराज के बाईं तरफ का मार्ग है जिसका नाम था राष्ट्रीय राजमार्ग विभाग 4-लेन अब उसी की जगह पर एक्सप्रेस वे का भी निर्माण करने वाला है।

इस योजना की लागत

इस निर्माण की परियोजना के अनुसार इसमें 5000 करोड़ रुपए की लागत  लगने वाली है। इस लागत में किसानों को भी ध्यान में रखा गया की अपने निर्माण के साथ किसानों के भूमि का जो क्षति होगा उसका मुआवजा दिया जाएगा किसानों को परियोजना में शामिल हुआ है।

एक्सप्रेस वे की चौड़ाई और दूरी

परियोजना के तहत जो इसकी दूरी होने वाली है वो 90 किलोमीटर की होगी जो अयोध्या से लेकर प्रयागराज( इलाहाबाद) तक पूरा कनेक्ट करेगी। तथा पूरी चौड़ाई डीपीआर के अनुसार 38 मीटर तय की गई है और इसके बीच में 15-15 मीटर के मुख्य एक्सप्रेसवे के दोनों तरफ कैरिज भी बनाया जाएगा और एक्सप्रेस बे के दोनों तरफ किनारे किनारे पर बॉर्डर बनाया जाएगा जिससे कोई भी वाहन इसके अंदर बाहर से नहीं आ सकता नहीं कोई जानवर या बहुत सारी चीजें फालतू की अंदर नहीं आ सकती है जिससे ये फायदा रहेगा। कि दुर्घटना होने का चांस बहुत कम हो जाएगा ना के बराबर।

सड़क परिवहन मंत्रालय ने अपने पुराने फैसलों को परिवर्तन करते हुए कहा कि हाइवे को अब 4-लेन में बदलने के बजाय नए एक्सप्रेस का ही निर्माण कर दिया जाए तो बेहतर रहेगा क्योंकि यात्रा के दौरान जब गांव के छोटे इलाकों में वाहने चलती है तो यात्रा में बहुत बड़ी समस्या लाती है जिसके लिए भारी वाहनों की यात्रा में हमेशा खतरा बना रहता है। इसीलिए जो पहले 4-लेन बनने वाला था सड़क परिवहन मंत्रालय ने इसको बदलकर एक्सप्रेस वे का निर्माण करने का फैसला लिया जिससे भारी वाहनों को अब कोई दिक्कत नहीं होने वाली है जिसके कारण अब यात्राएं सुरक्षित होंगी।

एक्सप्रेस वे के साथ अन्य सेतु का भी निर्माण

पूर्वांचल एक्सप्रेस वे क्रासिंग पर बनने जा रहा है 18 मीटर उंचाई पर एक बड़ा सा 6-लेन वाला फ्लाईओवर इसके साथ साथ लखनऊ वाराणसी का जो रेल मार्ग है  उसी पर एक ओवर ब्रिज भी बनेगा और गोमती नदी पर 6-लेन का काम होगा तथा और कई सड़कों के क्रासिंग पर सेतु बनेंगे ऐसे करके छे सात ब्रिजों का निर्माण करने के बारे में फैसला किया गया।

बनने का समय

विकास कुमार सिंह जो राष्ट्रीय राजमार्ग खंड सुल्तानपुर के अधिशासी अभियंता है इनका कहना है कि निर्माण समय में जो लागत लगने का अनुमानित समय माना गया है वो लगभग 3 साल तक का हो सकता है।

 

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