शिक्षक दिवस – हर साल 5 सितंबर को भारत में धूमधाम से मनाया जाता है। यह दिन डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन से जुड़ा
है, जो एक प्रतिष्ठित शिक्षक, दार्शनिक, और भारत के पहले उपराष्ट्रपति थे। डॉ. राधाकृष्णन ने शिक्षा के क्षेत्र में अपने योगदान से हमारे समाज को उज्ज्वल किया और छात्रों को न केवल ज्ञान दिया, बल्कि उन्हें अच्छे नागरिक बनने के मार्ग पर भी मार्गदर्शन किया।
डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन: भारत के दूसरे राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म 5 सितंबर 1888 को तमिलनाडु के तिरुमनी गांव में हुआ था। वे एक महान शिक्षक, दार्शनिक और विद्वान थे। उन्हें 1954 में भारत रत्न से सम्मानित किया गया और 1963 में ब्रिटिश रॉयल ऑर्डर ऑफ मेरिट की मानद सदस्यता प्रदान की गई।
क्यों मनाते हैं शिक्षक दिवस?
डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्मदिन 5 सितंबर को होता है, और उन्होंने अपने छात्रों से जन्मदिन को शिक्षक दिवस के रूप में मनाने की इच्छा जताई थी। इस प्रकार, 5 सितंबर को भारत में शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाने लगा।
शिक्षक हमारे मार्गदर्शक हैं
शिक्षक हमारे मार्गदर्शक और प्रेरणास्रोत भी होते हैं। उनकी मेहनत और समर्पण से हम आज यहां खड़े हैं। शिक्षक दिवस के दिन हम उन्हें उनकी कड़ी मेहनत और समर्पण के लिए धन्यवाद कहते हैं।
शिक्षक: ज्ञान के सफर के मार्गदर्शक
शिक्षक उनका योगदान चरित्र को
शिक्षक: जीवन के सफलता के गुरु
इस दिन, हम अपने शिक्षकों के प्रति आभार और सम्मान व्यक्त करते हैं, जो हमारे भविष्य को उज्जवल बनाते हैं। शिक्षक दिवस के दिन, छात्रों के द्वारा विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, जिनमें विभिन्न प्रकार के प्रतियोगिताएं, सेमिनार, और समारोह शामिल होते हैं।