महाराज जी कहते हैं कि जो धरती पे रह के बुरे कर्म करते हैं उन्हें निश्चित रूप से नरक में जगह मिलते हैं उडाहरन देते हुए बाबा जी कहते हैं कि जब कोई उच निच करके जेल जाता है तो जेल में उसको 20 साल की सजह होती है उसको जुर्माना भी होता है आजीवनकल और 5 लाख का जुर्माना रखा होता है ना यह कानून है अपने यहाँ वैसे ही भगवान के पास कानून बनाया गया है ईसलिए पापकर्म बहुत भय
प्रदान करने वाला है ईस लिए डरना चाहिये पाप कर्म नही करना चाहिये अब जो पापकर्म करता है उसे भोगना ही पड़ता है।
“अवश्य मे भोगतामयं कर्तं मम सुभाशुभम्।”
इस स्लोक का अर्थ है कि हमें जो कुछ भी भोगने का अधिकार है, वह सुख और दुख दोनों को ही आने वाला है। हमें उसे सही तरीके से उपयोग करना चाहिए।
रेप के बारे मे क्या बोले महाराज
यहा पर ईक बार किसी लड़की या महिला के साथ नीच(रेप) हरकत करने पर वहा भगवान के पास तो लोहे की स्त्री आग से तपती हुई बनी है अब आपने एक बार करके गये है वहा 100 वर्ष तक चिपकाया जाएगा लोहे से तपती महिला के साथ मरना है नही ऐसे ही स्त्री के लिये पुरुस के लिये यहा पे सूप बना के पी रहे हो न मछली मुर्गे का वहा पे पेरे जाओगे कुल्हे पर वहा काट काट के तुम्हारा ही मांस तुम्हे ही खवाया जाएगा, यहा जीवो के मांस के पकोड़े तल के खा रहे हो वैसे वहा तुम्हे ताला जाएगा।
नरक की सजा
ये जो कैंसर का दंड है ये कोई भयानक दंड थोड़ी ना है भयानक दंड तो वाहा होता है, गैस के कूप मे बंद कर दिये बोले 1000 वर्ष तक मरना है नही, मरेगा हर सेकंड पर मरेगा नही कस्ट ओर पीड़ा से तप्ता रहेगा पुरे 1000 वर्ष तक फेक दिया सलमली नर्क मे तलवार पे चुभता रहेगा धस्ता रहेगा पीड़ा से मरत रहेगा पर मरेगा नही ये है दंड अब यहा है कि अंग मे छोटा सा काटा गड़ जाए ये है जुरमना हम कर्मो के जाल को समझ नही पाते है ओर कभी कभी भगवान को दोस देने लगते है पर भगवान का निर्णय एकदम साफ है कही भी किसी तरह का कोई मिलावट नही है और वो ठीक निर्णय है उनका महाराज जी कहते है कि हम एसलिए सभी से प्रार्थना करते है कि होश मे हो जाओ किसी भी भी जीव को कस्ट दोगे तो उपर वाले ने पहले से ही व्यवस्था करके रखा है जो करके जा रहे हो वही करेगा 1000 सालो तक कर्मो का का बहुत बड़ा विचित्र जाल है बड़े बड़े महात्माओ को भी भोगना पड़ता है।
भगवान का चिंतन
महाराज जी कहते है की भगवान से विमुख होने पर पापकर्म बन ही जाते
है अगर हर समय जप करे भगवान का चिंतन करे तब तो हमरी बुधी सुध रहेगी हर समय जप करना बहुत कठिन है संसार के दृश्य ऐसे है खेल ऐसे है कि वो हमको घसीट लेते है तो हम भूल जाते है भगवान को अगर भगवान को भूले तो मतलब
कह हनुमंत बिपति प्रभु सोई। जब तव सुमिरन भजन न होई॥
“हे हनुमान, विपत्तियों के प्रभु, जब तक तुम्हारा स्मरण और भजन नहीं होता, तब तक कोई भी विपत्ति नहीं आती। यह स्लोक हनुमानजी की महत्वपूर्ण भक्ति को दर्शाता है कि उनके स्मरण और भजन से हम विपत्तियों से बच सकते हैं।
कही न कही माया फसा लेगी ओर पापाकर्म बन जाएगा एसीलिए रोज भगवान का जप करिये ओर भगवान की आलोचना मे लीन रहते रहते अच्छा कर्म कीजिए हमारे भगवान श्रीकृष्ण राधारानी जी सबकुछ अच्छा ही करते रहेंगे।
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